हमारी हिन्दी मेरे ख्वाबों की तस्वीर हो तुम मेरी रातों की नींद हो तुम तुम्हारी ही गोद में पलकर मै बड़ी हुई तुम मेरी हो और मै तुम्हारी ही रही तुम्हारी व्यथा से मै तडपती रही रात भर तुम्हारी आहों से सिसकती रही मेरे जज्बातों का एहसास हो तुम मेरी वीणा के झंकृत तार हो तुम विदेशों में तुम अपनाई गई फिर अपनों में क्यों तुम भुलाई गई क्या तुम्हारी व्यथा का किसी को एहसास नही क्यों आज तुम्हारी पहचान नही मेरे संघर्ष का पहला वार हो तुम फिर क्यों तुम ही संघर्ष करती रहीं जीवन भर पीड़ा सहती रहीं क्या हमारा तुम्हारे प्रति कोई दायित्व नहीं क्यूँ तुम्हे किसी ने पहचाना नहीं
फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती,
ReplyDeleteसुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,
दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,
जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती,
रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती,
रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है दोस्ती,
मझधार में किनारा है दोस्ती,
जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,
किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती,
हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर "Bhagwan" है दोस्ती